मत्ती 25:33-46
33वह भेंड़ो को अपनी दाहिनी ओर रखेगा और बकरियों को बाँई ओर।
34“फिर वह राजा, जो उसके दाहिनी ओर है, उनसे कहेगा, ‘मेरे पिता से आशीष पाये लोगो, आओ और जो राज्य तुम्हारे लिये जगत की रचना से पहले तैयार किया गया है उसका अधिकार लो।35यह राज्य तुम्हारा है क्योंकि मैं भूखा था और तुमने मुझे कुछ खाने को दिया, मैं प्यासा था और तुमने मुझे कुछ पीने को दिया। मैं पास से जाता हुआ कोई अनजाना था, और तुम मुझे भीतर ले गये।36मैं नंगा था, तुमने मुझे कपड़े पहनाए। मैं बीमार था, और तुमने मेरी सेवा की। मैं बंदी था, और तुम मेरे पास आये।’
37“फिर उत्तर में धर्मी लोग उससे पूछेंगे, ‘प्रभु, हमने तुझे कब भूखा देखा और खिलाया या प्यासा देखा और पीने को दिया?38तुझे हमने कब पास से जाता हुआ कोई अनजाना देखा और भीतर ले गये या बिना कपड़ों के देखकर तुझे कपड़े पहनाए?39और हमने कब तुझे बीमार या बंदी देखा और तेरे पास आये?’
40“फिर राजा उत्तर में उनसे कहेगा, ‘मैं तुमसे सत्य कह रहा हूँ जब कभी तुमने मेरे भोले-भाले भाईयों में से किसी एक के लिए भी कुछ किया तो वह तुमने मेरे ही लिये किया।’
41“फिर वह राजा अपनी बाँई ओर वालों से कहेगा, ‘अरे अभागो! मेरे पास से चले जाओ, और जो आग शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है, उस अनंत आग में जा गिरो।42यही तुम्हारा दण्ड है क्योंकि मैं भूखा था पर तुमने मुझे खाने को कुछ नहीं दिया,43मैं अजनबी था पर तुम मुझे भीतर नहीं ले गये। मैं कपड़ों के बिना नंगा था, पर तुमने मुझे कपड़े नहीं पहनाये। मैं बीमार और बंदी था, पर तुमने मेरा ध्यान नहीं रखा।’
44“फिर वे भी उत्तर में उससे पूछेंगे, ‘प्रभु, हमने तुझे भूखा या प्यासा या अनजाना या बिना कपड़ों के नंगा या बीमार या बंदी कब देखा और तेरी सेवा नहीं की।’
45“फिर वह उत्तर में उनसे कहेगा, ‘मैं तुमसे सच कह रहा हूँ जब कभी तुमने मेरे इन भोले भाले अनुयायियों में से किसी एक के लिए भी कुछ करने में लापरवाही बरती तो वह तुमने मेरे लिए ही कुछ करने में लापरवाही बरती।’
46“फिर ये बुरे लोग अनंत दण्ड पाएँगे और धर्मी लोग अनंत जीवन में चले जायेंगे।”
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