इन
जरूरतों के बारे में हम प्रार्थना कर सकते हैं
बिंदु 1: परमेश्वर आपसे प्यार करता है और आपको व्यक्तिगत रूप से उसे जानने के लिए बनाया है।
2 प्वाइंट: हम अपने पापों के कारण परमेश्वर से अलग हो गए हैं, इसलिए हम उसे नहीं जानते हैं या उसका प्यार अनुभव नहीं कर सकते।
3 बिंदु: यीशु हमारे पापों के लिए ईश्वर का एकमात्र समाधान है केवल उसके माध्यम से हम परमेश्वर को सकते हैं और उसका प्यार और क्षमा प्राप्त कर सकते हैं
4 प्वाइंट: येशु हमारा उद्धारकर्ता और रक्षक है. इस भरोसे के साथ हमें उन का जवाब देना चाहिए. तभी ही हम परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जान सकते हैं
मेरी गवाही
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि हम जो सीखते हैं उसे कैसे लागू करते हैं, ताकी हम एक-दूसरे की सहायता करने कि मार्ग डूँड सकते हैं. कुछ प्रश्न जो हमारी मदद कर सकते हैं :
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