1.

पहचान

बीते हुए हफ्ते को याद करें
  1. इस सप्ताह के लिए आप किस चीज़ के लिए आभारी हैं?
  2. आप किस समस्या के साथ जूंझ रहे हो? हम आपकी किस प्रकार मदद कर सकते हैं?
  3. आपने हमारे पाठशाला/ समुदाय में कौनसी ज़रूरतों को देखा

इन जरूरतों के बारे में हम प्रार्थना कर सकते हैं

अवलोकन

बिंदु 1: परमेश्वर आपसे प्यार करता है और आपको व्यक्तिगत रूप से उसे जानने के लिए बनाया है।

2 प्वाइंट: हम अपने पापों के कारण परमेश्वर से अलग हो गए हैं, इसलिए हम उसे नहीं जानते हैं या उसका प्यार अनुभव नहीं कर सकते।

3 बिंदु: यीशु हमारे पापों के लिए ईश्वर का एकमात्र समाधान है केवल उसके माध्यम से हम परमेश्वर को सकते हैं और उसका प्यार और क्षमा प्राप्त कर सकते हैं

4 प्वाइंट: येशु हमारा उद्धारकर्ता और रक्षक है. इस भरोसे के साथ हमें उन का जवाब देना चाहिए. तभी ही हम परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जान सकते हैं

मेरी गवाही

  1. यीशु से मिलने से पहले मेरा जीवन
  2. कैसे मैं यीशु को मिला
  3. यीशु से मिलने से मेरा जीवन कैसा बदल गया है
आगे देखो

सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि हम जो सीखते हैं उसे कैसे लागू करते हैं, ताकी हम एक-दूसरे की सहायता करने कि मार्ग डूँड सकते हैं. कुछ प्रश्न जो हमारी मदद कर सकते हैं :

  1. आप किस प्रकार जीते हो किस प्रकार जीने वाले हो? परमेश्वर में, अपने आप के साथ और दूसरों के साथ?
  2. इस हफ्ते की चर्चा से वह क्या एक चीज़ है जो आप अपने जीवन में लागू करोगे? आप उस बदलाव को लाने के लिए क्या करेंगे?
  3. इस हफ्ते आपने जो कुछ सीखा है उसे आप किसके साथ साझा करेंगे? आप क्या साझा करेंगे?

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